सोमवार, 27 जुलाई 2015

गणित परीक्षा

ahsas-ek sapna

गणित परीक्षा थी उस दिन , डर से मेरा बुरा हाल हुआ
घर के बाहर कदम रखते ही बिल्ली से साक्षात्कार हुआ
सवाल मैंने थे जो याद किये वे केवल आधे ही याद हुए
उसमे भी कुछ स्कूल तलक आते आते बर्बाद हुए
परचा हाथों में आते ही दिल मेरा मोर सा झूम गया
पढ़ते ही छाया अंधकार और चक्कर से सर घूम गया
ये १०० नंबर का परचा है मुझको तो दो की आस नहीं
सारी दुनिया आ जाये फिर भी पास होने का चांस नहीं
तूने चुन चुन पूछे थे वो सवाल जो मैंने थे रटे नहीं
हाय रे प्रश्न पूछने वाले ,तेरे दिल में कोई दया नहीं
लिखना था "पाइथागोरस थ्योरी" , मै न्यूटन लॉ को लिख आया
"ट्रिगोमेट्री" की आड़ी तिरछी लकीरों ने मुझको बड़ा भरमाया
अलजेब्रा में "ज़ेब्रा " का रोल कुछ समझ नही आता है
जाने क्यों गणित के विद्य्नो को ये सहज ही भाता है
लीनियर एकौशन में क्रॉस मल्टिप्लिकेशन का खेल है क्या
अब तक समझ न आया प्रॉफिट- लॉस में % का मेल है क्या
मेंसुरेशन और डेटा एंट्री ना जाने क्या क्या खेल दिखाते है
टाइम ,वर्क , रैशनल नंबर ,पावर ,रुट संग धूम मचाते है
" फक्टरीज़ेशन ' और " क्वाड्रीलेटरल " है बहुत ही मतवाले
सवाल "इनडाइरेक्ट वैरीएशन" के 'स्क्वायर रुट ' में लिख डाले
हो गया परीक्षक पागल सा, मेरी उत्तर-पुस्तिका को देखकर
है होनहार यही यहाँ ,रख ली मेरी कॉपी औरों की कॉपी फेंक कर
औरों की कॉपी फाड़ दी , सिर्फ मेरे सारे उत्तर छांट लिए
१०० में जीरो नंबर देकर सारे के सारे नंबर काट लिए .Sanjay Rai
— with Rp Singh and 8 others.

वो मेरा स्कूल जाना

ahsas-ek sapna

शर्ट के बटनों को ऊपर - नीचे लगाना
और बालों में कभी खुद कँघी न कर पाना
पी टी शूज को चाक से घिस के चमकाना,,
और काले जूतों को पैंट से पोछते जाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना …… 

बढ़ते नाखुनो को धीरे से दांतों से चबाना
और लेट आने पर कोई नया बहाना बनाना
वो प्रार्थना के समय कक्षा में ही रुक जाना
और पकडे जाने पर पेट दर्द का बहाना बनाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……

साथी के बैठने से पहले ही बेंच सरकाना
और उसके गिरने पर जोर से खिलखिलाना
फिर गुस्से में एक-दूसरे पर धौंस जमाना
और एक साथ मिल दोस्तों की खिली उड़ाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……

वो कलम की स्याही को बालो से पोछते जाना
बाथरूम में सुतली बम को अगरबती से सुलगाना
और पकड़े जाने पर मासूम बन गर्दन झुकाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……

वो गेम्स पीरियड के लिए टीचर को पटाना
यूनिट टेस्ट को टालने के लिए उनसे गिडगिडाना
लाल –काला चूरन खा एक दूसरे को जीभ दिखाना
जलजीरा, इमली देख कर खूब लार टपकाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……

आइसक्रीम खिलाने के लिए दोस्तों से मिन्नतें करवाना
और लंच से पहले ही सारा टिफ़िन चट कर जाना
अचार की खुशबूं को पूरे कक्षा में फैलाना
और पानी पिने के बहाने व्यर्थ समय गवाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……

बाथरूम में लिखे शब्दों को बार-बार पढके सुनाना
परीक्षा से पहले गुरूजी के घर का चक्कर लगाना
बार बार बस महत्वपूर्ण प्रश्न पूछते जाना
और पूरे कोर्स को देख सिर का चकराना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……

वो अपनी फेयरवेल पार्टी में मौज उड़ाना
और जूनियर लड़को को ब्रेक डांस दिखाना
फिर टाइटल मिलने पर हमारा तिलमिलाना
वो साइंस वाली मैडम पर लट्टू हो जाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……

समय के रथ का अपनी गति से चलते जाना
किसी चौराहे पर किसी का बरबस मिल जाना
वो जवान गुरूजी का बूढ़ा चेहरा सामने आना ..
गुरु के चरणों में पड़ते ही गुरु का चौंक जाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……

चेहरा देख कर मुझे पहचान जाना
यादों के झोली से कुछ अनकहे किस्से सुनना
और मेरी सफलता पर गर्व से तन जाना
आशीष दे फिर अपना फ़र्ज़ निभाना
याद आ गया मुझे वो मेरा स्कूल जाना ……



आईना

ahsas-ek sapna

आईना कही दर्दे दिल की हकीकत ना बयाँ कर दे
इसलिए आइनों में सूरत देखना छोड़ दिया उसने
कभी रोशन थे सतरंगी चिराग जिनकी महफ़िल में
मसरूफ रहने का अंदाज शायद सीख लिया उसने
गैर से हो गए है वो जो गुलनार से खिल जाते थे 
प्यार उमड़े न फिर, नाम से रिश्ता तोड़ लिया उसने ……
पर, जख्म सब्ज़ रहे इश्क़ और मोहब्बत के तरानों के
इसलिए किताब-ए-दिल में सूखा गुलाब रहने दिया उसने ..