गुरुवार, 28 जून 2012

प्यार और ज़िन्दगी


प्यार ने मुझसे पूछा, ज़िन्दगी क्या है ?
मैंने कहा तेरा मेरे साथ और कुछ भी नहीं !!
प्यार ने फिर मुझसे पूछा, दर्द क्या है ?
मैंने कहा वो पल जब तुम साथ नहीं !!

प्यार ने फिर मुझसे पूछा ,मोहब्बत कहा है ?
मैंने कहा हम दोनों  के रूह में कही !! 
प्यार ने फिर मुझसे पूछा ,रब कहा है ?
मैंने कहा ,और कहा ,  तुझमे ही कही !!

प्यार ने  फिर पूछा ,हमसे इश्क क्यों है ?
मैंने कहा तुझ जैसा दूसरा कोई नहीं !!
प्यार ने फिर मुझसे पूछा ,धड़कन क्या है ?
मैंने कहा तेरे नाम की सांसों है और कुछ नहीं !!

प्यार ने फिर मुझसे पूछा , समाज क्या है ?
मैंने कहा तुझसे शुरु और तुझमे ही खत्म कही !!
प्यार ने फिर मुझसे पूछा , उल्फत क्या है ?
मैंने कहा तेरा रूठना ,और कुछ नहीं !!

प्यार ने फिर पूछा, इतबार करोगे मेरा ?
मैंने कहा तुमसे बढाकर कोई नहीं !!
प्यार ने फिर पूछा , जी सकते हो मेरे बगैर ?
मैंने कहा, ये सजा मेरे लिए मौत से कम नहीं !!

प्यार ने फिर मुझसे पूछा कि, वो "प्यार" है कौन ?
मैंने कहा.....उसके नाम के लिए मेरे पास शब्द नहीं !!

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